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बचपन की यादें...... 😔😔😔😔

 
एक पल था जब हम स्कूल से दौड़े🏃 दौड़े घर आते थे, 
स्कूल मे अध्यापक की मार खाने से बहुत घबराते थे...
उस 2 रुपये की चटपट😉 चीज़ लेकर सारे दोस्त मौज उड़ाते थे
बचपन मे देखा करते थे बड़ी गाड़ी🚗 और बड़े घर🏘️ के सपने पर आज जब बड़े हुए तो वो बचपन के दोस्त और 2 रुपये की चटपट बहुत याद आते हैं😒😒..... 
 आज हमारे पास दोस्त👬 तो बहुत है मगर सायद दोस्तों के पास वक़्त🕰️ नहीं.... 
पैसे💵 तो बहुत है पर वो चटपट🍬 का मजा नहीं.... 
याद आता है🙄 वो बचपन की छुपा चुप्पी वो पकडा पकडी 🏃‍♀️🏃‍♂️🏃...... 

वो बरसात मे काग़ज़ 🚤की नाव और गर्मी का काला खटटा🍦
पर हम आज बड़े हो गए मगर आज भी याद है वो बचपन का थैले वाला बसता💼.....
Kishan nishad.... 
 Dear friends i hope you liked the thaughts if you need more just scroll down you can read more and don't forget to comment your idea and suggestions.... Also comment the show name 
 

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Thankyou for the page view I hope you like my thaughts😊😊😊😊

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रंजिशे मोहब्बत का गम.......

जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया था हमने, उनकी हर इक निशानियों को तोड़ दिया था हमने,   किया था वादा खुद से के अब ना लौटूंगा उसकी जिंदगी मे,  पर कमबख्त कल रात फिर उनका कॉल आया और उनकी मस्त निगाहों को देखकर फिर उनकी ओर रुख मोड़ लिया हमने  अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं। वो कहते है के हम उनसे मोहब्बत का इजहार करते नहीं है उन्हें हम आशिकों की तरह प्यार करते नहीं है,  के नींद चुराने वाले ही हमसे पूछते हैं के आप रातों को सोते क्यों नही है, इतनी ही फिक्र है हमारी तो फिर जिंदगी भर के लिए आप हमारे होते क्यों नही। A memory of my past  किशन निषाद

Yaad sayri..... 😌

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क्या तुम्हारे हिसाब से यह पूरी है.....

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