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Kaali raaten.......

  Nainital ki waadiyan.......  K wo andhere wo kaali raaten laut aai hai Wo aansuon bhare pal laut aae hai, aaj fir se mehsus hone laga hai wo dard bhare pal jab khilauna bnaya tha kisi ne Hume, humen humare andaaz me jeena bhulakar mjaak bnaya tha kisi ne, K todkar marod kar rulaya tha kisi ne, Jab chahat thi uske sath ki to hath chhudakar humen raaton ko rulaya tha kisi ne, De k dilasa k mazboor hu me or Humse pichha chhudaya tha kisi ne, ab Chhod diya wakt bewakt Yaad karna use k khus hai apni zindgi me, agar ab bhi bharosa kar sako to bta do humen A place which is famous for love but the reality its a Grave Written by kishan nishad..... 🙏
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शायर ए अल्फाज़......

के जब पुछा उनसे क्या वो प्यार का एहसास तुम्हारे दिल मे अभी जिन्दा है उस पत्थर दिल ने कहा  ये भला एहसास का समुन्दर होता क्या है जिसको है सारे रंजो गम वो खोता क्या है करलो इस जहान मे किसी से कितनी मोहब्बत आखिर मे आशिकों को मिलता ही क्या है कह्ते है लोग रोज लेकर आती है सुबह इक नयी उम्मीद फिर तू दामन को आंसुओं से धोता क्या ‌है कोई फर्क ‌नही जहां में सब तो अपने ‌ही है इतनी जरा सी बात पर ऊँच नीच वालीं बात पर हैरान होता क्या है सबको नही मिलती हर खुशी इस जहां में बस इसी हालात पर हर वक्त रोता क्या है  रन्ज-ओ-गम की दुनिया है खुशियाँ तलाशते रहो, कल हो न हो तेरे लिये खुद के लिये समय निकालते रहो।। ना जाने कब जिंदगी खत्म हो जाए हंसते मुस्कराते ये जिन्दगी के पल काटते रहो के तुम्हें रोकने वाले लोग तो रोकते ही रहेंगे साजिशों से खुश रहो और सबको ख़ुशियाँ बाटते रहो     kishan nishad

Yaad sayri..... 😌

   K Aankhon me jabse teri mene khud ko paya hai, Us pal se tere is sundar se chehre pe vo noor sa aaya hai, K na jane kya nasha hua hai mujhpe aapke rang ka, K kal raatko chand mujhe dekhkar puchta hai k kyu tu Aajkal itna kyu sarmaya hai, K ye hakikat hai tu man ya na maan tune usse dil lagaya hai. Tu lafzon ki tarha mujh se kitabon mein mila kar, Logon ka tujhe dar hai tu khawabon mein mila kar Phool ka khushboo se taluk hain zaruri, Tu mehak ban kar mujh se gulabon mein mila kar Jise chhu kar main mehsoos kar saku, Tu masti ki tarha mujh se sharabon mein mila kar Main bhi insan hu, hai dar mujhko bhi behakne ka Is waaste tu mujh se hijabon mein mila kar… Kishan nishad..... 

शायर ए बारीश........

ना जाने क्यूँ वो कुछ पलों के लिए लौट आती है, ना जाने क्यूं इस दिल मे बुझ चुकी प्यार की लौ को जगा जाती है, वैसे तो सब खत्म हो चुका है उसके और मेरे दरमियाँ, पर ना जाने क्यूं वो कुछ पल के लिए फोन पर कुछ गुनगुना कर बीत चुकीं बाते याद दिलाकर ईन मुर्झा चुकीं ईन पलकों को फिर भिगा जाती है।  जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया था हमने, उनकी हर इक निशानियों को तोड़ दिया था हमने,   किया था वादा खुद से के अब ना लौटूंगा उसकी जिंदगी मे,  पर कमबख्त कल रात फिर उनका कॉल आया और उनकी मस्त निगाहों को देखकर फिर उनकी ओर रुख मोड़ लिया हमने  अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।  वो कहते है के हम उनसे मोहब्बत का इजहार करते नहीं है उन्हें हम आशिकों की तरह प्यार करते नहीं है,  के नींद चुराने वाले ही हमसे पूछते हैं के आप रातों को सोते क्यों नही है, इतनी ही फिक्र है हमारी तो फिर जिंदगी भर के लिए आप हमारे होते क्यों नही। ना जाने क्यूँ वो साथ बिताया वो हर पल याद आता है, वो तुम्हारे साथ बिताया हुआ पल याद आता है, तुमने तो बदल लिए तुम्हारे जीने का तरीका,  पर ना जाने क्यू मुझे आज भी तेरी मोहब्बत का वो दर्द याद आता है,

यादे सायरी.....

    रूठे हो हमसे ये बात हमे पता है हम जानते है के हमारी जान किस बात पे हमसे खफा है,  के आजाओ हमारी बाहों मे ईन ज़ख्मों को मिलके सिलते है चलो छोड़ो ना गुस्सा उन बारिश वाली भीगी राहों मे दोबारा मिलते है,  के पहले के जैसे तुझे मे प्यारा हो जाऊँ मे आशिक हू तेरा के मान जाओ के मे फिर से तुम्हारा हो जाऊँ,  आओ फिर उसी चौराहे किसी बहाने से के मे गुलाब और तुम खुशबु बनके खिलते है,  के चलो छोड़ो ना गुस्सा उन राहों मे दोबारा मिलते है।   चांद की चांदनी मे छत के नीचे बैठ के दो बोल हम गुनगुनाए  के ईन हाथों मे हो तेरा हाथ के तेरा मेरा प्यार देखकर चांद भी शर्मा जाए  तेरी रूह पर बन बारिश का पानी के ईन निगाहों से तुझपे बरस जाऊँ के मिल जाए तेरी रूह को सुकून एसा कुछ कर जाऊँ हो अगर आखिरी सांसे मेरी तो बैठ जाना मेरे पास के जब जाऊँ इस दुनिया से तेरा चेहरा मेरे सामने आ जाए  के वो दिन गए और वो रात गई के तुम्हारी वो प्यार वाली बात गई ना जाने क्यु तुम जबसे हमसे रूठ कर गई हमारे होंठो से वो मुस्कुराहट गई  कैसे भूलूं उन बातों को उन प्यार वालि रातों को वो तेरा रूठना मेरा मानना उन भीगी भीगी रातों को आँखों से आंसूं बनके

रंजिशे मोहब्बत का गम.......

जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया था हमने, उनकी हर इक निशानियों को तोड़ दिया था हमने,   किया था वादा खुद से के अब ना लौटूंगा उसकी जिंदगी मे,  पर कमबख्त कल रात फिर उनका कॉल आया और उनकी मस्त निगाहों को देखकर फिर उनकी ओर रुख मोड़ लिया हमने  अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं। वो कहते है के हम उनसे मोहब्बत का इजहार करते नहीं है उन्हें हम आशिकों की तरह प्यार करते नहीं है,  के नींद चुराने वाले ही हमसे पूछते हैं के आप रातों को सोते क्यों नही है, इतनी ही फिक्र है हमारी तो फिर जिंदगी भर के लिए आप हमारे होते क्यों नही। A memory of my past  किशन निषाद

के छोड़ गए तुम.......

    के छोड़ गए तुम हमें हमारी आँखों मे आंसू और दिल मे दर्द देकर आखिरी बार वो हमसे जुदा हुए थे मजबूरी कहकर      आज लौटे उनकी गलियों मे तो वो चल दिये आगे हमे अनदेखा कर के      के उन मस्त हवाओं और घटाओं से पता चला के वो खुश है किसी और की बाहों मे जाकर      हमनें पूछा उनसे के क्या तुम खुश हो उस गैर की पनाह मे जाकर      क्या मिला तुम्हें भरोसा तोड़ के गैर के प्यार को मजबूरी बता कर अगर केह दिया होता तुमने घुटन है तुम्हें हमारी मोहब्बत की पाबंदी मे आकर कर देते तुम्हें आजाद तुम्हारी खुशी के खातिर यूँ झूठ बोलकर तुमने गिरा लिया खुदको झूठ को मजबूरी बता कर      हम तो जी रहे थे तुम्हारी यादों को अपने गले से लगाकर मांगा करते थे दुआ तुम्हारी खुशी के लिए मंदिर - मस्जिद मे जाकर हम रोया करते थे हर इक रात को अपने आंसू बहाकर     के रोया तो बहुत था उस पल तुमसे दूर होकर     मेरे दिलों दरिया की चाहत थी तुम मेरी रूहें मोहब्बत की आयत थी तुम मेरे जीने के लिए एक ज़ज्बा थी तुम मेरे नूर का सजदा थी तुम     उनका सवाल था के हम क्यु नही बदले क्यू किसी और की चाहत से ना पिघले       अरे हर किसी से मोहब्बत करना हमारी फितर

एक रात तुम्हारी याद के साथ......

तेरे हसीन🥰 ख्यालो मे खुद को छुपा के देखा है, दिल-ओ-नजर को तेरे झूंटे🤔 दिखाए सपनों की रातों को याद करके खुदको रुला-रुला😭 के देखा है, तू जो नहीं मेरी जिंदगी मे तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम, मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है। हम आपकी हर चीज़ से प्यार कर लेंगे❤️, आपकी हर बात पर 👨‍❤️‍👨ऐतबार कर लेंगे, बस एक बार कह दो कि तुम सिर्फ मेरे हो, हमने जिंदगी भर तुम्हारी खातिर अपनी नींदो को भुला के देखा है 💭   ना जाने क्यू नींद ना आती है😩 मुझे अब ना रात मे मेहसूस होता है एक दर्द मेरे हर इक सास मे तन्हा जिया ना जाता है  अब तेरे बाद मे मुस्करा तो रहा हू😊 तेरे जाने के बाद से मगर मौत हो गई है  जिंदगी अब हर पल उस बीती रात से ना जाने क्या हुआ तुम्हें जो छोड़ गए तुम हमे इस आंसुओं की बरसात के साथ "  अब नहीं जिया जाता तुम बिन तन्हा रात के साथ थाम लो हाथ मेरा और चलो इस दुनिया से दूर हम दोनों साथ मे इस बार ना कोई ढूंढ सके चलो  इसी रात मे के आओ चले उसे अपनी मर्जी की सपनों वाली रात मे अब हकीकत मे तो पा ना सकेंगे हक जता ले तुमपे अपनी सपनों वाली बात मे अपनी सपनों वाली रात मे........  किशन निषाद  Dear fri

अनकही मोहब्बत..........

खड़े-खड़े साहिल पर हमने आपके इंतजार मे सुबह से शाम कर दी,   अपना दिल ❤️और दुनिया आप के नाम कर दी।  ये भी न सोचा था मेंने कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी तेरे बिना ऐ सनम😒 तूने मेरी मुस्कराहट😊 मांगी थी, हमने बिना सोचे-समझे अपनी हर ख़ुशी😁 आपके नाम कर दी।    ये भी ना सोचा क्या बितेगी मुझपर आपने तो हमारी चाहत किसी गैर के नाम कर दी😩 खुश है तू उसकी बाहों मे जाकर तो जा हमने भी अपनी जिंदगानी तन्हा रातों के नाम करदी😇😇😇😇..........  तुम्हारे कहने से बदले है सपने बदले हैं रास्ते बदली है हमने अपनी मुस्कराहट 😊का अंदाज, पर जब बदले हालात तो धीमी आवाज से बुला लेना भुला देना गिले सिक्वे और प्यार ❤️से हमे गले लगा लेना"😭😭   अगर हो जाओ नाराज तो कभी मान जाना तो कभी मुझे मना लेना  के कल का क्या पता हम हो ना हो जब मौका मिले तो हमारे साथ चंद खुशी के पल बिता लेना माना हुई थी कुछ दूरी हुए थे  कुछ गिले सीक्वे उन बीते लम्हों को भुलाकर मुझे अपना लेना,    परेशानीयाँ तो लाख आएंगी बस मेरा हाथ थाम कर हसीन सपने सजा लेना अगर आ जाए मुसीबतें तो आँखोंको बंद करके हस लेना और हसा लेना.....  किशन निषाद  Dear friends i hope you

क्या तुम्हारे हिसाब से यह पूरी है.....

      च लो जाओ अब जी लेंगे पर सच कहो यह मजबूरी कैसी है     मुझे यह कहानी थोड़ी और लिखनी थी क्या तुम्हारे हिसाब से यह पूरी है। Tanya       मेरी नजर में कुछ और अधूरे अल्फाज बाकी है।     क्या तुम्हारे हिसाब से जिंदगी का इतना साथ काफी है       अगर मंजुरी हो तो एक बात कहु जा तुम रहे हो हमे छोड़कर पर तुम्हारे दिल में मेरे लिए यह बेचैनी कैसी है।      मुकम्मल हो भी जाए तो तुम बिन ना रह पाएंगे यह मेरी मजबूरी है।     चले जाओ भी अब जी लेंगे पर सच कहे तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी।     शायद दूरियां अब इस दिल के दरमियां जख्मों को हवा दे गई     पर तेरी मुस्कुराहट की छाव मे हमने जीना सीखा था और देख आज फिर तेरी मुस्कराहट आज दगा दे गई ।     न जाने क्यों शिकवा अपनी ही किस्मत की लकीरों से है। कि तुम्हें पा ना सके     दिल की तलाश कभी खत्म नहीं हुई तुम्हारे जाने के बाद से मगर अफसोस तेरे लफ़्ज़ों से चले जाओ सुनकर हमने भी अब जीना सीख लिया उड़ान भरी है।      फिर नए पंखों के साथ एक नई मंजिल एक नए ठिकाने के साथ जिस दुनिया मे मोहब्बत ना करने की कसम खाई है और कभी किसी को दिल ना देंगे ये अपने आप से शर्त लगाई है।